यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे जारी है। गुरुवार सुबह लखनऊ आगरा मेरठ इटावा अमरोहा और प्रयागराज के मदरसों में सर्वे करने पहुंची। प्रयागराज में 30 मदरसे ऐसे पाए गए हैं जो बिना मान्यता के चल रहे हैं। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी ने बताया अभी सर्वे का काम किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। लखनऊ के नदवा में कॉलेज में मौलवी से डेढ़ घंटे सवाल-जवाब किए। इसके बाद सारे कागाजत लेकर चले गए। आगरा में बच्चों से राष्ट्रगान सुना। इटावा में सर्वे टीम ने 12 सवाल किए। मेरठ के लिसाड़ीगेट स्थित मदरसे टीम पहुंची तो बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।
आगरा के धनौली पहुंची टीम
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार के निर्देशन में टीम धनौली के मदरसे में पहुंची। टीम ने यहां पर बच्चों की पढ़ाई को लेकर मदरसे के मुफ्ती से जानकारी ली। टीम मदरसे में करीब आधे घंटे तक रुकी। बच्चों को राष्ट्रगान के बारे में जानकारी नहीं थी। जब उनसे कहा गया कि जन गण मन सुनाओ तब कुछ बच्चे राष्ट्रगान सुना पाए।
राष्ट्रगान क्या होता है नहीं पता
मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों से प्रधानमंत्री और उप्र के मुख्यमंत्री का नाम पूछा गया। एक बच्चा उनके नाम नहीं बता पाया। दूसरे बच्चे ने उनके नाम बता दिए। बच्चों ने बताया कि उन्हें अंग्रेजी हिंदी भी पढ़ाई जाती है।
बच्चों से जब अंग्रेजी की कविता सुनने का कहा गया तो वो कविता नहीं सुना पाए। राष्ट्रगान सुनाने के लिए कहा तो वो एक दूसरे के चेहरे देखने लगे। मदरसे के शिक्षक ने कहा कि जन गण मन सुनाओ तब कुछ बच्चे राष्ट्रगान सुना पाए। बच्चों को यमुना नदी कहां से बहती है ये भी जानकारी नहीं थी।
घर से बुलाए बच्चे
मदरसे के मुफ्ती ने बताया टीम ने जब उन्हें सर्वे के लिए आने की जानकारी दी। तब तक मदरसे में बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी। बच्चों को घर से बुलाया गया। सर्वे के दौरान बच्चों की पढ़ाई न हो रही थी। न ही बच्चे अपना बैग लाए थे।
मेरठ में तीन अधिकारियों की टीम गठित
जिलाधिकारी ने मेरठ सर्वे के लिए तीन टीम गठित कर दी है। इस में एक एसडीएम रैंक के अधिकारी के अलावा जिला अल्पसंख्यक अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भी शामिल होंगे। टीम को मदरसों की सर्वे रिपोर्ट पहले डीएम को भेजनी होगी। जहां से जिला प्रशासन सर्वे रिपोर्ट को शासन को भेजेगा। 5 अक्टूबर तक टीम को रिपोर्ट ADM को देनी है। 10 अक्टूबर तक रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी। 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है।
इटावा मदरसा पहुंचे अधिकारी
इटावा में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू कर दिया गया है। मदरसा तालीबुल कुरान मोहल्ला कटरा शमशेर खां शहर टीम पहुंची। एसडीएम सदर विक्रम सिंह राघव के साथ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सतीश कुमार मदरसों का सर्वे करने पहुंचे। भवन का आकार बच्चो की संख्या शिक्षको की संख्या मदरसों को आय का स्रोत भवन में पानी शौचालय की व्यवस्था को जांचा परखा जा रहा है। जिसके आधार पर 5 अक्टूबर तक जिलाधिकारी के माध्यम से इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण सतीश कुमार अधिकारी ने कहा सर्वे को लेकर फैली अफवाहों पर ध्यान न देकर गैर मान्यता प्राप्त मदरसे अपनी जानकारी अवश्य दें। जिससे उन्हें मान्यता देने में मदद मिल सके। वहीं मदरसा प्रबंधक मौलाना जाहिद रजा कादरी ने सरकार के इस कदम को सही बताते हुए कहा इससे हमें मान्यता लेने में मदद मिलेगी।
सत्ता पक्ष और विपक्ष में वार-पलटवार
सर्वेक्षण की घोषणा के बाद से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में इसे लेकर वार-पलटवार चल रहा है। अभी तक राजनीतिक दलों के नेताओं और कुछ मुस्लिम संगठनों की तरफ से बयानबाजी आ रही थी। अब उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डाॅ. इफ्तेखार जावेद स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा सर्वेक्षण कोई जांच नहीं है। उत्तर प्रदेश में कुल 16 हजार 5 सौ 13 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। जिनमें से 560 मदरसों को सरकार उनके शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन देती है।"
प्रदेश में ऐसे कितने मदरसे हैं जिनकी मान्यता नहीं है उनकी गिनती नहीं हो पा रही है। समय-समय पर जब मदरसों पर उंगलियां उठती हैं तो फिर सवाल उठते हैं कि यह कौन-सा मदरसा है? क्या यह मान्यता प्राप्त मदरसा है या ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसा है या फिर अनुदान से चलने वाला मदरसा है?
के नदवा कॉलेज में सर्वे टीम पहुंची। सर्वे टीम कई बिन्दुओं पर वहां जानकारी ले रही है। वहीं अमरोहा एसडीएम सदर ने भी जानकारी दी है कि जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे चल रहा। टीमें भेजी गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश के बाद सभी संस्थानों में सर्वे हो रहा है।
सर्वे टीम का दावा-नदवा में दिखाए सारे कागजात सर्वे टीम सुबह 11 बजे लखनऊ के दारुल उलूम नदवा मदरसा पहुंची। यह मदरसा देश के बड़े मदरसों में शामिल है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष की देखरेख में चलता है।
सर्वे टीम का दावा है जो 12 बिंदुओं पर जांच की गई उसके सभी कागज दारुल उलूम नदवा के प्रधानाध्यापक ने दिखाया है। सर्वे के संबंधित सभी दस्तावेज की फोटो कॉपी ले ली गई है। इन दस्तावेजों के ओरिजिनल भी जांचे गए। हर बिंदुओं के कागज लिए गए हैं। जिसकी बाद में रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
इन 12 बिंदुओं पर हो रही है जांच
1- मदरसे का नाम
2- मदरसे को चलाने करने वाली संस्था
3- स्थापना वर्ष
4- मदरसे की अवस्थिति का संपूर्ण विवरण (निजी अथवा किराए का भवन)
5- क्या मदरसे का भवन छात्र-छात्राओं के लिए उपयोगी है? (सुरक्षित भवन/ पेयजल/ फर्नीचर/ विद्युत आपूर्ति/ शौचालय आदि)
6- मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की कुल संख्या कितनी है।
7- मदरसे में कुल शिक्षकों की संख्या क्या है?
8- मदरसे में लागू पाठ्यक्रम क्या है?
9- मदरसे की आय का स्रोत क्या है?
10- क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में नामांकित हैं?
11--क्या किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे की संबद्ध है? अगर हां तो विवरण देना होगा।
12- अभियुक्ति।