ग्राम्य विकास आयुक्त ने मेडिकल कॉलेज का किया निरीक्षण

ग्राम्य विकास आयुक्त ने मेडिकल कॉलेज का किया निरीक्षण

देवरिया में ग्राम्य विकास आयुक्त और जिले के नोडल अधिकारी जी एस प्रियदर्शी ने अपने दौरे के दूसरे दिन मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध बाबू मोहन सिंह जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस दौरान निर्माण और तकनीकी संबंधी अनेक खामियां मिलीं जिससे नाराज नोडल अधिकारी ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और जिला चिकित्सालय के सीएमएस को कड़े निर्देश दिए।

दवा वितरण काउंटर का किया निरीक्षण

नोडल अधिकारी जी एस प्रियदर्शी ने शनिवार को जिला अस्पताल के दवा वितरण काउंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान रुद्रपुर से आए एक तीमारदार ने शिकायत की। उसने नोडल अधिकारी को बताया कि कोई भी बीमारी हो एक पैरासिटामोल और कोई एक एंटी बायोटिक दवा दे दिया जाता है। जिरह करने पर कर्मचारी धमकाते हैं। कहते हैं कि पुलिस बुलवाकर जेल भिजवा देंगे। इससे नाराज नोडल अधिकारी ने प्रिंसिपल डा राजेश कुमार बरनवाल से पूछा कि या तो दवाएं नहीं हैं या तो वितरण में लापरवाही है। प्रिंसिपल कोई ज़बाब नहीं दे पाए।

मेडिसिन स्टोर का किया निरीक्षण

ग्राम्य विकास आयुक्त ने जिला अस्पताल स्थित मेडिसिन स्टोर का निरीक्षण किया। उपलब्ध दवाओं की सूची पर तारीख अंकित नहीं होने पर नाराजगी जताई। यहां भी प्रिंसिपल और सीएमएस को जबाब देते नहीं बना। कई कमरों में ताला बंद होने पर उन्होंने खोलने के निर्देश दिए लेकिन जिम्मेदारों के पास चाबी नहीं मिली।

एक्स रे रूम का किया निरीक्षण

नोडल अधिकारी ने एक्स रे रूम का निरीक्षण किया। वहां मौजूद कैरी एक्स रे मशीन की उपयोगिता के बारे में पूछा तो डॉक्टर जबाब नहीं दे पाए। उन्होंने ने पूछा कितने एक्स रे टेक्नीशियन हैं तो सीएमएस ने बताया एक महिला अस्पताल में और एक यहां। नोडल अधिकारी ने दोनों के कार्यस्थल में अदला बदली के निर्देश दिए।

मेडिकल कॉलेज के ओपीडी की जांच की

नोडल अधिकारी जी एस प्रियदर्शी ने जिला अस्पताल के निरीक्षण के बाद देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। मरीजों के बैठने की व्यवस्था नहीं होने पर उन्होंने सख्ती दिखाई। उत्तर प्रदेश निर्माण निगम लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर सिविल अखिलेश कुमार को फटकार लगाई। कहा कि 18 करोड़ रुपए तीन दिन के भीतर प्रिंसिपल के खाते में ट्रांसफर करो अन्यथा की स्थिति में मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया।

मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओपीडी में गंदी मिली चादर

ग्राम्य विकास आयुक्त की जांच में मेडिसिन डिपार्टमेंट की ओपीडी में मरीजों के चेक करने वाले बेड की चादर गंदी मिली वाश बेसिन के सामने तौलिया नहीं मिला। ड्यूटी में तैनात डाक्टरों के पास न ही टॉर्च मिला और न ही बीपी जांचने की मशीन। इस पर ग्राम्य विकास आयुक्त ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने प्रिंसिपल से डाक्टरों को कीट उपलब्ध कराने को कहा।

ओपीडी दो में मरीज रजिस्टर नहीं मिलने पर जताई हैरानी

नोडल अधिकारी ने ओपीडी दो में रजिस्टर नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कैसे पता चलेगा कि कितने मरीज देखे गए। यह बड़ी लापरवाही है। इसे ठीक करने के निर्देश दिए।

प्राइवेट दवा कंपनियों के बुक लेट और प्रचार सामग्री मिलने पर प्रिंसिपल के दिए निर्देश

जी एस प्रियदर्शी ने जांच के दौरान ओपीडी में एक डाक्टर की मेज पर प्राइवेट दवा कंपनियों की प्रचार सामग्री और बुक लेट मिलने पर नाराजगी जताई। कहा कि सरकार का कमिटमेंट है निःशुल्क ईलाज का लेकिन यहां प्राइवेट कंपनियों की प्रचार सामग्री कैसे आ गई। इस पर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल ने कहा कि गेट पर ही ऐसे लोगों के लिए प्रतिबंध लगाया जाएगा।

इंजीनियरों ने टॉयलेट को बना दिया ड्रेसिंग रूम

नोडल अधिकारी जी एस प्रियदर्शी ने एक कमरे का निरीक्षण किया। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि यह ड्रेसिंग रूम है। नोडल अधिकारी ने कहा यह टॉयलेट रूम है। सिविल इंजीनियर से ड्राइंग निकालने को कहा। नोडल अधिकारी ने कहा कि जो कमरे जिस उपयोग के लिए बने हैं। उनका उसी तरह इस्तेमाल करें। एसी की वायरिंग बाहर होने पर प्रोजेक्ट मैनेजर इलेक्ट्रिक सुनील यादव से पूछा कि ड्राइंग में इन पाइप और वायर को बाहर रखना है? तो प्रोजेक्ट मैनेजर ने चुप्पी साध ली। इसके बाद नोडल अधिकारी निरीक्षण भवन चले गए।

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