उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 30 अगस्त को एक आदेश जारी कर मदरसों के सर्वे का निर्देश दिया। सरकार ने सभी जिलों के DM से कहा कि वो गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवा कर सरकार को इसकी जानकारी दें। यूपी सरकार ने राज्य के सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे 5 अक्टूबर तक कराने के निर्देश DM को दिए हैं। योगी सरकार के आदेश के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।
पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी फिर तमाम मौलवी और मौलानाओं ने विरोध किया। ओवैसी ने कहा कि आप क्यों शक कर रहे हैं मदरसों पर। अब बसपा प्रमुख मायावती ने भी सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भाजपा और सरकार को निशाने पर लिया है।
BJP कर रही है मुस्लिमों का दमन: मायावती
मायावती ने लिखा मुस्लिम समाज के शोषित उपेक्षित और दंगा पीड़ित होने की शिकायत कांग्रेस के जमाने में आम रही है। तुष्टीकरण ने नाम पर संकीर्ण राजनीति कर सत्ता में आई भाजपा की सरकार में भी इनका दमन व आतंकित करने का खेल जारी है। यह बेहद निंदनीय है। इसी क्रम में यूपी में मदरसों पर भाजपा सरकार की नजरें टेढ़ी हैं। मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चंदे से चलने वाले निजी मदरसों में हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित है। कोशिश सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों और सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने की होनी चाहिए।
मदरसों की सुरक्षा के लिए देंगे कुर्बानी: मौलाना अशहद रशीदी
जमीअत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अशहद रशीदी गुरुवार को लखनऊ में मदरसों के सर्वे पर कहा कि इनकी स्थापना हमारा संवैधानिक अधिकार है। इसकी सुरक्षा के लिए हम हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार हैं। रशीदी ने कहा कि मुसलमान निराश ना हों इतिहास से सबक लें। इतिहास में बड़ी-बड़ी ताकतें आईं और चली गईं।
ओवैसी बोले- आप क्यों शक कर रहे हैं मदरसों पर
मदरसों के सर्वे के आदेश पर सबसे पहली आवाज AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उठाई। सरकार की इस पहल के बारे में ओवैसी ने कहा था मदरसे संविधान के अनुच्छेद 30 के अनुसार हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वेक्षण का आदेश क्यों दिया है? यह कोई सर्वेक्षण नहीं है बल्कि एक छोटा एनआरसी है। कुछ मदरसे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अधीन हैं। आप क्यों शक कर रहे हैं मदरसों पर। राज्य सरकार हमारे अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। वे मुसलमानों को परेशान करना चाहते हैं। आपका मकसद है इस्लाम को बदनाम करना।
क्या है योगी सरकार का मदरसों के सर्वे का आदेश?
योगी सरकार के मदरसों के सर्वे आदेश में एक फॉर्मेट दिया गया है। सभी जिलों के सर्वे टीम में एसडीएम बीएसए और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल है। इन अधिकारियों को गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन करने वाली संस्था मदरसे की स्थापना की तारीख उसका स्टेटस यानी निजी या किराए के घर में चल रहा है मदरसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पानी फर्नीचर बिजली शौचालय के इंतजाम की जानकारी छात्र-छात्राओं की कुल संख्या शिक्षकों की संख्या वहां पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम मदरसे की आय का स्रोत अगर छात्र किसी अन्य जगह भी पढ़ रहे हैं तो उसकी जानकारी और अगर सरकारी समूह या संस्था से मदरसों की संबद्धता है तो उसका विवरण देने को कहा गया है।
25 अक्टूबर तक सरकार को सौंपनी है सर्वे रिपोर्ट
यूपी में मदरसों का सर्वे काम पांच अक्टूबर 2022 को पूरा होना है और सभी डीएम 25 अक्टूबर तक सर्वे का डाटा उत्तर प्रदेश शासन को उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए 10 सितंबर 2022 तक सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे के लिए टीम का गठन होना है। प्रदेश के सभी जिलों के गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कर एक निर्धारित समय सीमा में एक निर्धारित फॉर्मेट में सरकार को डाटा देने को कहा गया है।