इत्र कारोबारी पीयूष जैन आठ महीने बाद जमानत मिलने के बाद बृहस्पितवार को यहां जेल से रिहा हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डीजीजीआई के अधिकारियों ने 22 दिसंबर 2021 को कन्नौज और कानपुर में पीयूष के रिहाइशी और आधिकारिक परिसरों पर तलाशी शुरू की जो 28 दिसंबर 2021 तक जारी रहा था।
अधिकारियों ने जैन के परिसरों से 196.57 करोड़ रुपये नकदी के साथ ही 23 किलोग्राम सोना जब्त किया था जिसे बाद में राजस्व आसूचना निदेशालय के अधिकारियों को सौंप दिया गया था। जैन को इस मामले में 26 दिसंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया। कानपुर जेल के अधीक्षक बिधु दत्त पांडे ने बताय पीयूष जैन को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश के बाद जेल से रिहा किया गया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष कुमार जैन को एक सितंबर को जमानत दे दी थी। माल एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने जैन के खिलाफ केंद्रीय माल एवं सेवाकर अधिनियम 2017 के तहत अपराध के संबंध में आपराधिक मामला दर्ज कराया था। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत की शर्त पर जैन की जमानत अर्जी मंजूर की।
विशेष सीजेएम ने 10-10 लाख रुपये के दो-दो जमानतदार दाखिल करने का निर्देश दिया जिसे उनके परिवार के सदस्यों ने पूरा किया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनकी गिरफ्तारी के कारण भाजपा ने कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष को समाजवादी पार्टी (सपा) का मित्र कहा था। लेकिन विपक्षी दल ने आरोप लगाया था कि जैन भाजपा से ताल्लुक रखते हैं।