इन बड़ी हस्तियों की भी सड़क हादसों में गई है जान साइरस मिस्त्री की मौत ने हमें दिए क्या बड़े संदेश?

इन बड़ी हस्तियों की भी सड़क हादसों में गई है जान साइरस मिस्त्री की मौत ने हमें दिए क्या बड़े संदेश?

रमेश सिप्पी की फिल्म अंदाज जिसका एक गाना काफी लोकप्रिय हुआ करता था- जिंदगी एक सफर है सुहाना। हशरत जयपुरी ने ये गाना 1971 में आई फिल्म के लिए लिखा था। लेकिन पांच दशक बाद भी अक्सर हम में से बहुत लोग लंबे सफर पर ड्राइविंग के दौरान इस गाने को सुनते हैं और गुनगुनाते भी हैं। सफर तो हम सभी करते हैं मसलन तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। कोई कार से सफर करता है कोई मोटरसाइकिल से तो कोई पैदल ही। घर से हम जब निकलते हैं तो कुछ ऐसा संस्कार दिया गया है कि कहते हैं- आते हैं। जबकि सही क्रिया होनी चाहिए थी कि जाते हैं। दरअसल आते हैं में एक सकारात्मकता होती है जिसमें लौट कर आना सुनिश्चित होता है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि कोई बॉय बोलकर गया औऱ फिर लौटकर वापस ही नहीं आया। भारत में हर 4 मिनट में सड़क हादसे में एक मौत हो जाती है। यानी हर दिन 426 से ज्यादा लोगों की जान सड़क हादसे में चली जाती है। कोरोना जैसी भयंकर महामारी में हिन्दुस्तान ने बरस भर में साल 2020 में जितने लोगों को नहीं खोया उससे ज्यादा लोगों को हम सड़क हादसों में खो देते हैं। 


आप कह रहे होंगे कि आज अचानक हम सड़क हादसों और उनसे होने वाली मौतों के बारे में बात क्यों कर रहे हैं। वैसे तो दुर्घटनाओं और उससे दम तोड़ने वाले जीवन के बारे में बात करने का कोई विशेष दिन नहीं होता बल्कि ये ऐसा विषय है जिसको लेकर जितनी बातें करें उतनी कम है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में देशभर में 4.03 लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए थे। जिसमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जो कह कर गए थे अभी आते हैं वो कभी न लौटने वाली मौत की आगोश में चले गए। इसमें 4 सितंबर के रोज एक अंक और जुड़ गया जब टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन मिस्त्री की मर्सिडीज बेंज जीएलसी 220डी एसयूवी महाराष्ट्र के पालघर में सड़क के बीच में बने डिवाइडर से टकरा गई थी। इस हादसे में एसयूवी की पिछली सीट पर बैठे मिस्त्री और उनके एक दोस्त की मृत्यु हो गई। वहीं कार की अगली दोनों सीटों पर बैठे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि कार डॉ. अनहिता पंडोले चला रही थीं जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। ड्राइवर की बगल वाली सीट पर उनके पति दारियस पंडोले बैठे हुए थे। पीछे की सीट पर साइरस मिस्त्री और दारियस पंडोले के भाई जहांगीर दिनशॉ पंडोले बैठे थे। हादसे में आगे बैठे पति-पत्नी घायल हैं। पालघर पुलिस के अनुसार हादसे को देखकर ऐसा लगा मानो ड्राइवर का कार से नियंत्रण हट गया और बैलेंस बिगड़ने के बाद कार डिवाइडर से टकरा गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डिवाइडर से टकराने के बाद कार की आगे की सीट के दोनों एयरबैग एक्टिव हो गए जिससे आगे बैठे दोनों लोगों की जान बच गई। लेकिन बैक सीट पर बैठे साइरस मिस्त्री और दिनशॉ पंडोले को सामने से सुरक्षा देने वाला एयरबैग नहीं था।  उसमें पीछे की तरफ सिर्फ साइड एयरबैग ही मौजूद थे।  

130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार


सड़क हादसे का शिकार हुए उद्योगपति साइरस मिस्त्री मर्सिडीज बेंज की जिस लग्जरी एसयूवी में सफर कर रहे थे वह यात्रियों को सुरक्षित रखने वाली तमाम सुरक्षा खूबियों से लैस थी लेकिन पिछली सीट पर बैठे मिस्त्री का सीट बेल्ट नहीं पहनना उनके लिए जानलेवा साबित हो गया। सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत ने सड़क सुरक्षा के मुद्दों जैसे कि तेज रफ्तार पर नजर रखने पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना और सड़क की असंगत बनावट पर बहस तेज कर दी है। विशेषज्ञों ने तेज रफ्तार वाहनों पर नज़र रखने और पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करने की जरूरत पर जोर दिया है। साइरस मिस्त्री के हादसे में कार का इंपैक्ट ज्यादा नजर आया। हादसों की तस्वीरों को देखने पर लगता है कि कार सड़क से फिसलकर साइड में जाकर बुरी तरह टकराई है। कहा जा रहा है कि उनकी कार 9 मिनट में 20 किलोमीटर तक चली गई । यानी 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी।


अधिकतम स्पीड के क्या हैं नियम 


 वाहन कैटेगरी एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट फोर लेन या उससे ज्यादा पर स्पीड म्यिनिस्पिल रोड और अन्य सड़कों पर स्पीड

 8 सीट वाले वाहन 120 100 70

 9 सीट या उससे ज्यादा वाले वाहन 100 90 60

 गुड्स करियर 80 80 60

 मोटरसाइकिल 80 80 60

 क्वॉड्रीसाइकिल - 60 60

 थ्री व्हीलर - 50 50

डबल्यूएचओ के आंकड़े हैं चौकाने वाले


विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट की माने तो सीट बेल्ट पहनने से ड्राइवरों और आगे की सीट पर बैठने वाले यात्री की मौत का जोखिम 45 से 50 % तक कम हो जाता है। वहीं पीछे की सीट पर बैठने वालों में मौत और गंभीर चोटों के जोखिम में 25 % की कमी आती है। भारत में हर साल होने वाली करीब पांच लाख दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं। 


5 साल में सड़क हादसे और उसमें हुई मौत 


 साल सड़क हादसे मौत

 2017 4.45 लाख 1.50 लाख

 2018 4.45 लाख 1.52 लाख

 2019 4.37 लाख 1.54 लाख

 2020 3.54 लाख 1.33 लाख

 2021 4.03 लाख 1.55 लाख

पिछली सीट पर बैठने वालों को भी सीट बेल्ट लगाने की जरूरत


सड़क दुर्घटना में साइरस मिस्त्री की मौत पर कार और सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का कोई भी प्रयास लोगों के सहयोग के बिना बेकार होगा। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन पिछली सीट पर थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी। पीछे की सीट पर सवार एक अन्य यात्री जहांगीर पंडोले की भी मौत हो गई। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आईएए ग्लोबल समिट मे कहा कि लोग सोचते हैं कि पीछे बैठने वालों को सीट बेल्ट पहनने की जरूरत नहीं। मैं किसी भी दुर्घटना पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन पीछे बैठे लोगों को लगता है कि केवल आगे बैठने वालों को बेल्ट पहनना चाहिए। आगे और पीछे बैठने वालों दोनों को सीट बेल्ट पहनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री भी कार सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते। गडकरी ने कहा कि आम लोगों को भूल जाओ। मैंने चार मुख्यमंत्रियों की कारों में यात्रा की मुझसे उनका नाम मत पूछो। मैं आगे की सीट पर था। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय कारों के लिए छह एयरबैग अनिवार्य करने की कोशिश कर रहा है।


इन बड़ी हस्तियों की भी हादसों में गई है जान


ज्ञानी जैल सिंह- भारत के सातवें राष्ट्रपति (1982-87) ज्ञानी जैल सिंह की 1994 में क्रिसमस के दिन सड़क हादसे में मौत हो गई थी। तख्त श्री केशगढ़ साहिब जाते समय उनकी कार हादसे का शिकार हो गई। सड़क के गलत साइड से जा रहे एक ट्रक ने उस कार को टक्कर मार दी जिसमें 78 वर्षीय जैल सिंह यात्रा कर रहे थे।


गोपीनाथ मुंडे- लोकनेता गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र प्रमुख ओबीसी चेहरा और बीजेपी के दिग्गज नेता। मुंडे कुछ समय के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। लेकिन  3 जून 2014 को उनकी कार दिल्ली हवाई अड्डे के रास्ते में एक तेज रफ्तार कैब से टकरा गई जिसमें उनकी मौत हो गई।


राजेश पायलट- कांग्रेस नेता सचिन पायलट के पिता स्क्वाड्रन लीडर राजेश्वर प्रसाद बिधूड़ी उर्फ राजेश पायलट 11 जून 2000 को उनके संसदीय क्षेत्र दौसा के भड़ाना में एक कार दुर्घटना में मारे गए थे। पार्टी के एक प्रमुख गुर्जर नेता वह 57 वर्ष के थे जब उनकी मृत्यु हो गई।


दीप संधु- 15 फरवरी 2022 को सोनीपत में हाईवे पर महिंद्रा स्कॉर्पियो के ट्रक से टकराने के बाद पंजाबी एक्टर दीप संधु की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। सिद्धू 2021 में गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हिंसा के सिलसिले में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आए थे। 


जसपाल भट्टी- भारतीय कॉमेडीयन और व्यंग्यकार जसपाल भट्टी की एक कार दुर्घटना में दुखद मौत ने कई लोगों को झकझोर कर रख दिया। 25 अक्टूबर 2012 को पंजाब के जालंधर के पास 57 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। दूरदर्शन पर अपने टेलीविजन कॉमेडी शो फ्लॉप शो फुल टेंशन के लिए सबसे लोकप्रिय भट्टी को उनकी कॉमिक टाइमिमंग के लिए किसी दौर में कॉमेडी का राजा उपनाम दिया गया था। 


साहिब सिंह वर्मा- दिल्ली के चौथे मुख्यमंत्री और भाजपा नेता साहिब सिंह वर्मा की मौत जून 2007 में हो गई थी। उनकी कार राष्ट्रीय राजमार्ग पर 8 शाहजहांपुर के पास एक ट्रक से टकरा गई। वह राजस्थान के सीकर जिले में एक स्कूल की आधारशिला रखने के बाद राष्ट्रीय राजधानी लौट रहे थे। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और भारत के केंद्रीय श्रम मंत्री के रूप में भी कार्य किया। - अभिनय आकाश

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