पायस जैन और यशस्विनी घोरपड़े ने चीन की हान शिनयुआन और किन युसुआन की चीनी जोड़ी को 3-2 से हराकर लाओस में एशियाई जूनियर और कैडेट चैंपियनशिप के मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक जीत कर अपने अभियान का अंत किया। भारतीय जोड़ी ने 11-9 11-1 10-12 7-11 11-8 से जीत दर्ज की। यह एशियाई चैंपियनशिप में भारतीय जूनियर खिलाड़ियों का पहला स्वर्ण पदक है। इसके अलावा भारतीय खिलाड़ियों ने तीन कांस्य पदक भी जीते।
यह पदक उसने लड़कों के अंडर-19 युगल लड़कियों के अंडर-19 एकल और लड़कों की अंडर-19 टीम स्पर्धा में जीते। इस तरह से भारतीय जूनियर खिलाड़ियों ने चार पदक हासिल किए। पायस और यशस्विनी की शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत करके पहले दोनों गेम जीते लेकिन चीनी जोड़ी ने भी इसके बाद अच्छी वापसी की और अगले दोनों गेम जीतकर मुकाबले को निर्णायक गेम तक खींच दिया जिसमें भारतीयों ने दमदार प्रदर्शन किया।
कर्नाटक की शीर्ष वरीयता प्राप्त यशस्विनी ने लड़कियों के अंडर-19 एकल में क्वार्टर फाइनल में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन सेमीफाइनल में वह चीन की चेन यी से सीधे गेम में 13-11 11-9 11-4 11-3 से हार गई। पायस ने भी दिल्ली के अपने साथी यशांश मलिक के साथ मिलकर क्वार्टर फाइनल में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन अपनी इस लय को वे सेमीफाइनल में बरकरार नहीं रख पाए और लड़कों के अंडर-19 युगल में जापान के युता लिमुरा और यूही सकाई से 11-8 11-7 12-14 11-6 से हार गए। इस तरह से उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।