रामनगरी में रिंग रोड बनाने की कवायद तेज हो गई है। सितंबर माह के अंत तक किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 67.5 किलोमीटर के रिंग रोड के लिए अयोध्या और गोंडा जनपद के 47 राजस्व गांवों के किसानों की 423 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इन किसानों के खातों में जल्द मुआवजा की धनराशि आवंटित की जाएगी।
2023 से रिंग रोड का निर्माण होगा शुरू
अयोध्या रिंग रोड का निर्माण और जाम से मुक्त रखने के लिए रिंग रोड को बनाया जाना है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) ने मार्ग निर्माण के लिए सलाहकार संस्था मेसर्स साई कंसल्टिंग इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड फरीदाबाद ने जमीन अधिग्रहण सहित निर्माण का खाका तैयार किया है। एनएचआई के अधिकारी एचबी सिंह ने बताया कि रिंग रोड का निर्माण 2023 से शुरू होगा। हालांकि अभी रिंग रोड के डिजाइन को लेकर काम चल रहा है। डिजाइन का काम पूरा होने के बाद निर्माण तिथि की घोषणा की जाएगी। रिंग रोड के लिए 423 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। जिसके लिए अधिग्रहण सितंबर माह के अंत कर लिया जाएगा।
तीन तहसीलों के किसानों के 423 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
रिंग रोड अयोध्या जिले के सोहावल ब्लाक के मंगलसी गांव से होकर गोंडा जनपद के महेशपुर तक बनाने के लिए प्रस्तावित है। रिंग रोड में तीन तहसीलों के किसानों के जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें सोहावल ब्लाक के 17 अयोध्या सदर के 20 और तरबगंज के नवाबगंज ब्लाक के 10 गांवों के किसानों की जमीन को अधिग्रहित किया जा रहा है।
45 हजार करोड़ की लागत से रिंग रोड का होगा निर्माण
एनएचआई के अधिकारी एचबी सिंह ने बताया कि रिंग रोड का निर्माण 45 हजार करोड़ की लागत से किया जाएगा। स्टेक्चर को देखते हुए जमीन का अधिग्रहण छह लेन के लिए किया जाएगा। लेकिन चार लेन सड़क का निर्माण होगा। डीपीआर के मुताबिक रिंग रोड में चार रेलवे ओवर ब्रिज सरयू नदी पर दो पुल और पांच प्रमुख मार्गो पर क्लोर लीफ का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जमीन की जांच कराने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।