प्रयागराज के हटिया हादसे में ठाकुर द्वारा ट्रस्ट के 100 साल पुराने मकान में रह रहे लोग सस्ते किराए के चक्कर में रह रहे हैं। 100 साल पुराने मकान का किराया अभी तक 100 रुपये भी नहीं पहुंचा है। कुछ ऐसे भी किराएदार हैं जो किराया भी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में ट्रस्ट के सामने मकान की मरम्मत का पैसा जुटाना असंभव सा हो गया है।
हटिया के प्राइम लोकेशन पर 7 हजार स्क्वायर मीटर में है मकान
हटिया चौराहे पर करीब 7000 स्क्वायर मीटर में बने इस मकान की देखरेख ठाकुरद्वारा ट्रस्ट करता है। इसमें 7 दुकानें और 6 आवास हैं। इस भवन के पश्चिमी बारजा के गिरने से मंगलवार को पांच लोगों की मौत हो गई और करीब एक दर्जन लोग घायल हैं। मकान की जर्जर हालत के बाबत जब ठाकुरद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष उमेश चंद्र केसरवानी से बात की गई तो उनका कहना था कि मकान में कई ऐसे किराएदार हैं जो पहले 10 से 20 रुपये ही किराया देते थे। कई बार दबाव बनाने और कहने के बाद भी अभी तक किराया 100 रुपये से ऊपर नहीं गया। इस भवन में रह रहे रामरति सोनकर 100 रुपये किराया देती हैं। मोतीलाल और राजेंद्र का किराया अब जाकर 250 रुपये किया गया है। सबसे अधिक किराया दिलीप केसरवानी देते हैं। अब उन्होंने 500 रुपये देना शुरू किया है। इसमें कई ऐसे भी किराएदार हैं जिन्होंने कई सालों से किराया ही नहीं दिया है। कुछ ऐसे भी किराएदार हैं जो 100 रुपये भी किराया नहीं दे रहे हैं।
किसी ने नहीं दी मकान के मरम्मत की सहयोग राशि
1 साल पहले मकान की मरम्मत के लिए ट्रस्ट ने बैठक बुलाई थी। बैठक में सभी किरायेदारों को भी शामिल किया गया था। बैठक में यह बात कही गई थी कि अगर मकान की मरम्मत और देखरेख नहीं होगी तो यह बहुत सालों तक नहीं चल पाएगा। इसके लिए किरायेदारों से कुछ सहयोग राशि मांगी गई थी। किसी भी किराएदार में एक रुपए देने की पहल नहीं की। ठाकुरद्वारा ट्रस्ट के पास और कोई आय का साधन नहीं है। ऐसे में मकान की मरम्मत कहां से कराई जाए यह बड़ी समस्या है। वर्तमान में रह रहे किरायेदारों को कई बार मकान खाली करने के लिए भी कहा गया लेकिन कोई भी इसके लिए तैयार नहीं है।