लंदन। पोषण से लेकर मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली भारत की एक छात्रा को चेग डॉट ओआरजी ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2022 के लिए शीर्ष अंतिम 10 की सूची में शामिल किया गया है। इसके तहत 100000 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार दिया जाता है। गोवा में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस की छात्रा अनघा राजेश को 150 देशों से मिलीं 7000 से अधिक प्रविष्ठियों में से चुना गया है। वह एक शोधकर्ता कथाकार हैं और समुदाय निर्माण के क्षेत्र में काम करती हैं जिन्होंने पोषण से लेकर मानसिक स्वास्थ्य और उद्यमिता तक कई योजनाओं पर काम किया है।
गैर-लाभकारी संगठन योर्स माइंडफुल की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में उनका लक्ष्य मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में जागरूकता समावेश और पहुंच की खाई को पाटना है। राजेश ने इस सप्ताह अंतिम प्रतियोगियों की सूची में अपने नाम की पुष्टि के बाद कहा योर्स माइंडफुल में अपनी टीम के साथ मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती हूं कि हर जगह युवाओं की व्यक्तिगत मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों तक पहुंच हो।
उन्होंने कहा मैं दुनिया भर के अन्य सभी शीर्ष 10 अंतिम सूची के प्रतियोगियों को भी बधाई देना चाहती हूं जो हमारी दुनिया को बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं। युवा लोगों की आवाज सुनी जानी चाहिए। योर्स माइंडफुल के माध्यम से राजेश पूरे भारत संयुक्त अरब अमीरात अफ्रीका और ब्रिटेन के 40 युवाओं की एक टीम के साथ काम करती हैं जो मानसिक स्वास्थ्य समावेशन की वकालत करते हैं। इस साल की शुरुआत में योर्स माइंडफुल ने महिला कार्यकर्ताओं के लिए मलाला फंड के साथ साझेदारी की।
एडटेक चेग के सीईओ और अध्यक्ष डैन रोसेनस्विग ने कहा अब पहले से कहीं अधिक अनघा जैसे छात्र अपनी कहानियों को बताने और अपनी आवाज सुनाने में सुक्षम हुए हैं। आखिरकार हमें उनके सपनों उनकी अंतर्दृष्टि का हमारी दुनिया के सामने आने वाली चुनौतीपूर्ण एवं तत्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए उनकी रचनात्मकता का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।
इन प्रतियोगियों में भारतीय मूल की अमेरिकी गीतांजलि राव और कनाडा की केनिशा अरोड़ा भी शामिल हैं। सूची में मलेशिया से एलेसिया आसा यूक्रेन से इगोर क्लिमेंको ब्राजील से लुकास तेजेडोर घाना से माथियास चार्ल्स याबे यूएई से माया ब्रिजमैन ऑस्ट्रेलिया से नाथन गुयेन और अर्जेंटीना से निकोलस अल्बर्टो मोनजोन शामिल हैं।