जमीनी विवाद में चाचा की भतीजे ने की थी हत्या

जमीनी विवाद में चाचा की भतीजे ने की थी हत्या

कन्नौज के एक गांव में दो दिन पहले कुल्हाड़ी से काट कर साधु की निर्मम हत्या उसके भतीजे ने ही की थी। इस हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। आरोपी भतीजे की निशानदेही पर आलाकत्ल कुल्हाड़ी को भी बरामद कर लिया है। आरोपी ने जमीनी विवाद के चलते साधू की हत्या की थी।


गांव के बाहर करवा रहे थे मंदिर का निर्माण


ठठिया थाना क्षेत्र के करसाह गांव के रहने वाले 85 वर्षीय गिरधारी लाल अविवाहित थे। वह अपने भाई-भतीजों के साथ रहते थे। धार्मिक प्रवृत्ति के होने के कारण वह गांव के बाहर खेत में एक धार्मिक चबूतरा और मंदिर का निर्माण करवा रहे थे। वहां वह हर दिन पूजा के लिए मंदिर जाते थे। गुरुवार को जब वह पूजा के लिए गए तो फिर घर वापस नहीं लौटे।


परिजनों ने खोजबीन शुरू कर दी लेकिन कोई पता नहीं चल सका। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने गांव के बाहर किसी बुजुर्ग का शव खून से लथपथ पड़ा देखा। लोगों ने इसकी जानकारी साधु के परिजनों को दी। परिजनों ने वहां पहुंच कर देखा तो साधु गिरधारी लाल के रूप में उनकी शिनाख्त की।


पुलिस को भतीजे पर हुआ शक


हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस टीम और फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई थी। दो दिन की पड़ताल के दौरान पुलिस को मृतक गिरधारी लाल के भतीजे अजमेर सिंह पर शक हुआ। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। अजमेर सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। मामले का खुलासा पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने किया।


मृतक ने अपने एक भतीजे के नाम नहीं की थी वसीयत


गिरधारी लाल यादव के पास करीब एक एकड़ जमीन थी। वह अविवाहित थे जिस कारण उनकी कोई औलाद नहीं थी। इसलिए उन्होंने अपने पांच में से चार भतीजों महाराज सिंह अतर सिंह सुधीर सिंह व रतन सिंह के नाम कुछ दिन पहले ही जमीन वसीयत कर दी थी। जबकि एक अन्य भतीजे अजमेर सिंह की बजाय वसीयत में उसके दोनों बेटों अनुज और योगेंद्र के नाम वसीयत कर दी। बताया गया कि अजमेर सिंह दारू पीने का आदी था जिस कारण गिरधारी लाल ने उसकी बजाय उसके दोनों बेटों के नाम वसीयत कर दी थी। इस बात से अजमेर सिंह गुस्से में था और मौका लगते ही उसने गिरधारी लाल को कुल्हाड़ी से काट दिया जिससे उनकी मौत हो गई।

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