नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल ( एनजीटी ) ने पर्यावरण को देखते हुए गंगा नदी में मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके लिए अमरोहा में गंगा घाटों के किनारे पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही निगरानी करने के लिए अमरोहा और हापुड़ जनपद के अधिकारियों ने बैठक करते हुए आवश्यक कदम उठाने की बात पर जोर दिया है।
उधर गंगा घाटों से पहले ही खाली पड़ी जमीन में ही प्रशासनिक अधिकारियों ने मूर्ति विसर्जन कराने की बात कहते हुए मूर्ति विसर्जन स्थान का निरीक्षण किया है। साथ ही संबंधित अधिकारी और स्थानीय लोगों को गंगा में मूर्ति विसर्जन न करने और न कराने की बात कही है। साथ ही अनदेखी करने पर कार्यवाही करने की चेतवानी दी है।
मूर्ति विसर्जन के लिए अलग से बनाया गया स्थान
गणेश चतुर्थी पर पूजा-अर्चना के बाद घर व मंदिरों में स्थापित की गई। भगवान गणेश की प्रतिमाओं को विसर्जन करने का कार्य शुरू हो गया है। जो नौ सितंबर तक जारी रहेगा। गंगा में प्रतिमाएं विसर्जित होने पर पर्यावरण के खतरे को देखते हुए एनजीटी के आदेश के बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
हापुड़ के ब्रजघाट में अमरोहा व हापुड़ सर्किल के प्रशासनिक अधिकारियों ने समन्वय बैठक करते हुए एनजीटी के नियमानुसार प्रशासन ने तिगरी व ब्रजघाट गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाते हुए अलग-अलग स्थान चयनित किए हैं।
गंगा धाम से दूर होगा मूर्ति विसर्जन
तिगरी में चेक पोस्ट के पास में एक गढ़डा खुदवाकर भरे पानी में मूर्ति विसर्जित कराई जा रही है। ऐसे ही ब्रजघाट में मुख्य धारा से दूर अठसैनी नहर के पास में मूर्ति विसर्जित कराने का स्थान निहित किया गया है। एसडीएम अरुण कुमार सीओ अरुण सिंह प्रभारी निरीक्षक राजेश तिवारी समेत कई अधिकारियों ने तिगरी व ब्रजघाट का जायजा लेते हुए निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बताया कि ब्रजघाट व तिगरी में पूरी तरह से मूर्तियां विसर्जन करने पर प्रतिबंध है। इसके लिए अलग-अलग स्थान चयनित किए गए हैं।