पोलैंड द्वितीय विश्व युद्ध में हुए नुकसान के लिए जर्मनी से मुआवजे की मांग करेगा

पोलैंड द्वितीय विश्व युद्ध में हुए नुकसान के लिए जर्मनी से मुआवजे की मांग करेगा

वारसा (एपी)।  पोलैंड के शीर्ष नेता ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों के हमले और उनके देश पर कब्जे के लिए जर्मनी से 1300 अरब अमेरिकी डॉलर के मुआवजे की मांग करेगी। पोलैंड के सत्तारूढ़ दल के नेता जेरोस्लाव काज़िंस्की ने कहा कि मुआजवा मांगना पोलैंड का दायित्व है। वह नाजी जर्मन के कब्जे से देश को हुए नुकसान के संबंध में लंबे समय से प्रतीक्षित रिपोर्ट जारी किए जाने के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा हमने न सिर्फ रिपोर्ट तैयार की बल्कि आगे के कदमों के बारे में भी फैसला किया है। काज़िंस्की पोलैंड के मुख्य नीति निर्माता हैं।


पोलैंड की दक्षिणपंथी सरकार की दलील है कि उनका देश दूसरे विश्व युद्ध का पहला शिकार था और उसे पड़ोसी जर्मनी द्वारा पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया है और अब जर्मनी यूरोपीय संघ के प्रमुख भागीदारों में से एक है। दूसरा विश्व युद्ध एक सितंबर 1939 को शुरू हुआ था जब नाजी जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया था और पांच साल से अधिक तक अपने कब्जे में रखा था। करीब 30 अर्थशास्त्रियों इतिहासकारों और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम 2017 से इस रिपोर्ट पर काम कर रही थी। इस मुद्दे को लेकर द्विपक्षीय तनाव पैदा हो गया है।


जर्मन-पोलैंड सहयोग के लिए जर्मनी की सरकार के अधिकारी डाइटमार नीटान ने एक बयान में कहा एक सितंबर जर्मनी के लिए शर्म का दिन है जो हमें बार-बार याद दिलाता है कि उसके द्वारा किए गए अपराधों को नहीं भूला जा सकता। उन्होंने कहा कि यह हमारे इतिहास का सबसे काला अध्याय है और अब भी द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करता है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के करीब 60 लाख नागरिक मारे गए थे जिनमें 30 लाख यहूदी थे।

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