
Kanpur: चौकी इंचार्ज ही निकला विभीषण, अपनी ही टीम से की गद्दारी, भाग गया अपराधी
बड़ी पुरानी कहावत है कि ‘घर का भेदी लंका ढाए’. कायदे से ये कहावत लंकापति रावण के भाई विभीषण के लिए कही जाती है क्योंकि वह रामादल में शामिल हो गए थे और रावण को कैसे खत्म किया जाए इसके लिए उन्होंने ही श्रीराम की मदद की थी. लेकिन वह सतयुग था, तब ऐसा रावण को हराने के लिए और लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाने के लिए किया गया था, लेकिन आज दौर बदल चुका है. ये कलयुग है और आज के भेदी किसी राक्षस का अं.....
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