
महिला सशक्तिकरण के लिए यह जागने का समय है
महिला के कई रूप होते हैं। वह बेटी, बहू, मां, बहन, पत्नी, दादी, नानी आदि रूपों में हमारे इर्द-गिर्द जन्म से मृत्यु तक साए की तरह मौजूद रहती हैं। देखा जाए तो जीवन और समाज के प्रायः प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका किसी-न-किसी रूप में अवश्य पाई जाती है। इसके बावजूद आधुनिक वैश्विक सामाजिक ढांचे और आर्थिक एवं सांस्कृतिक खांचे में महिलाएं लगातार उपेक्षा, उत्पीड़न, शोषण और दमन का शिकार होती आ र.....
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