झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित

झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित

रांची। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र निर्धारित समय से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि वह एक विशेष पार्टी के आचरण से आहत हैं और सदन की गरिमा के साथ समझौता नहीं करना चाहते थे। मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पिछले कुछ दिनों से विधानसभा में विरोध प्रदर्शन कर रही थी और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही थी।


उसने अध्यक्ष पर राज्य सरकार की तरफ से काम करने का भी आरोप लगाया। भाजपा के चार विधायक - भानु प्रताप शाही धुलु महतो जयप्रकाश भाई पटेल और रणधीर सिंह को दो अगस्त को अभद्र व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया था। अध्यक्ष ने आज कार्यवाही शुरू होते ही उनका निलंबन वापस ले लिया था। महतो ने कहाबार-बार सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न होने और एक विपक्षी दल के व्यवहार की वजह से मैं आहत हूं।


अतः लोकतंत्र की मर्यादा और उसकी गरिमा को बचाए रखने के लिए तय अवधि से एक दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए सदन को स्थगित कर रहे हैं। बाद में अपने कक्ष में बुलाये संवाददाता सम्मेलन में विधानसभाध्यक्ष महतो ने भाजपा की ओर संकेत करते हुए कहा सदन के भीतर एक दल का जो व्यवहार था उससे मैं आहत था। सदन को हास्यास्पद बना दिया गया। विधानसभाध्यक्ष ने कहा विधानसभा सदस्य यदि आसन की गरिमा को न समझें तो आसन क्या कर सकता है? मैंने तो हद से नीचे आकर सदन चलाने की कोशिश की लेकिन फिर भी विपक्षी दल का व्यवहार अमर्यादित था।


दूसरी ओर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने विधानसभाध्यक्ष के आरोपों का खंडन किया और आरोप लगाया कि वह स्वयं झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य की भांति सरकार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। मरांडी ने कहा कि उन्हें विपक्ष को संरक्षण देना चाहिए था लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। विधानसभा का मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू हुआ था और पांच अगस्त को समाप्त होना था।

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