नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना पर पहली बार मंगलवार को खुलकर निशाना साधा और उन पर आम आदमी पार्टी आप के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं में बाधा डालने का आरोप लगाया. केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें बुरा भला कहकर सक्सेना दिल्ली के दो करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान कर रहे हैं. उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री के साथ बातचीत में कभी भी उनके लिए अपशब्द का इस्तेमाल नहीं किया.
बयान में कहा गया है, यहां तक कि प्रक्रियात्मक अनुचित व्यवहार, जानबूझकर की गई चूक और दिल्ली के लोगों को प्रभावित करने वाले शासन के स्पष्ट कदाचार के मामलों में भी उपराज्यपाल ने अपने विचारों को सबसे सम्मानजनक, उचित और संसदीय भाषा में लिखित रूप में व्यक्त किया है. किसी का नाम लिए बगैर केजरीवालने आरोप लगाया कि आगे उनकी सरकार की मोहल्ला क्लीनिक और स्कूलों को निशाना बनाया जाएगा, लेकिन लोगों से कहा कि, आपका यह बेटा ढाल की तरह खड़ा रहेगा.
दिल्ली की योगशाला योजना को 31 अक्टूबर के बाद विस्तारित करने को उपराज्यपाल द्वारा मंजूरी नहीं दिये जाने की अफवाहों के बीच उन्होंने यह आरोप लगाया. योजना के तहत मुफ्त योग कक्षाओं का संचालन होता था. यहां संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने कहा कि उनसे दुर्व्यवहार करके सक्सेना दिल्ली में दो करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान कर रहे हैं.
उपराज्यपाल सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि सक्सेना के कार्यालय को कार्यक्रम जारी रखने की अनुमति मांगने वाली कोई फाइल प्राप्त नहीं हुई है. केजरीवाल ने कहा, दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुझे जो बुरा-भला कहा है उसे लेकर मुझे कोई शिकायत नहीं है. केजरीवाल महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन जब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से दुर्व्यवहार करते हैं तो वह ना सिर्फ मेरे साथ ऐसा कर रहे होते हैं, बल्कि मुझे वोट देने वाले दो करोड़ लोगों के साथ ऐसा करते हैं. यह सही नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा, पिछले कुछ महीनों से, हमने देखा है कि वे दिल्ली में विभिन्न पहल को रोक रहे हैं. उन्होंने दिल्ली की दिवाली और रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान की अनुमति नहीं दी।. अब, हम सुन रहे हैं कि उनका अगला निशाना मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल हैं. वे मुफ्त दवाएं और जांच मुहैया करने वाी निविदाएं रोककर मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को रोक देंगे. वे सरकारी अस्पतालों में संविदा कर्मियों और सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को निशाना बनाएंगे.