रांची, सायबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. झारखंड का जामताड़ा मॉडल ऑफ सायबर क्राइम तो पूरे देश में कुख्यात है. लेकिन अब सायबर अपराध के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी हो रही है. इसके साथ ही लोगों के लिए जागरूकता सप्ताह की शुरुआत की गई है. इसका थीम है मैं हू ई रक्षक इस थीम का मकसद इसके नाम से ही समझा जा सकता है इस जागरूकता सप्ताह में लोगों को सायबर अपराध से कैसे बचना है इसकी जानकारी दी जाएगी.
दअसल सायबर अपराध से संबंधित कुछ पुलिस के पास पहुंचते हैं तो कई मामले थानों की दहलीज पर ही दम तोड़ देते हैं. कई तो ऐसे भी हैं जो लोग पुलिस के पचड़े में नहीं पड़ने की बात कहकर इसकी शिकायत तक दर्ज नहीं करवाते हैं. यही कारण है की सायबर अपराध पर लगाम लगाने को लेकर लोगों को डिजिटली अलर्ट करने एक प्रयास इस सप्ताह में किया जाएगा.इस मामले पर सीआईडी एसपी कार्तिक एस का कहना है कि सायबर अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाने को लेकर जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है. इसकी जानकारी न सिर्फ रांची के प्रमुख चौक चौराहों पर दी जाएगी बल्कि स्कूल कॉलेजों में लोगों को जागरूक किया जाएगा.
इस सुरक्षा सप्ताह में डायल 1930 को लेकर भी जानकारी दी जाएगी ताकि अगर कोई सायबर अपराध का शिकार हो जाए तो उनकी भी मदद की जा सके. उन्होंने बताया कि 1930 की मदद से 60 लाख रूप ठगी होने से भी बचाया गया है.
इस मामले पर झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा की सायबर अपराध के मामले ज्यादा बढ़े हैं और व्यवसायी भी इसके शिकार हो रहे हैं. दरअसल, आज के दौर में सब्जी बेचने वाले भी डिजिटल ट्रांजेक्शन कर रहे हैं ऐसे में ठगी के मामले बढ़े हैं. इस पर लगाम लगाने को लेकर ये जागरूकता सप्ताह काफी प्रभावकारी सिद्ध होगा.दरअसल आईटी की क्रांति जब से शुरू हुई उसके बाद से ही सायबर अपराधी नए-नए हथकंडे अपनाते रहे हैं. इसे देखते हुए जागरूकता को ही सायबर सेल अपना हथियार बनाने में लगा है. इस अभियान के तहत मैं हूं रक्षक के द्वारा लोगों को पंपलेट बांट अवेयर किया जा रहा है. वहीं लोगों को वे समझा भी रहे हैं