गुवाहाटी, असम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जाना चाहिए. हालांकि ये बयान भाजपा के नेतृत्व वाली असम कैबिनेट के हालिया फैसले के विपरीत है. जिसने केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ जाकर प्राइमरी स्कूलों में विज्ञान और गणित की पढ़ाई अंग्रेजी में कराने का फैसला लिया है. असम सरकार ने फैसला किया है कि कक्षा तीन से सरकारी स्कूलों में गणित और विज्ञान अंग्रेजी में पढ़ाया जाना चाहिए. इस फैसले की शिक्षा जगत राजनीतिक दलों साहित्यिक संगठनों और छात्र संघों ने आलोचना की थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक अमित शाह ने कहा कि केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का मानना है कि देश की सभी भाषाओं को एक साथ लेकर राष्ट्र का सर्वांगीण विकास संभव है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी में एक प्रावधान किया गया है कि प्राथमिक शिक्षा केवल मातृभाषा में दिया जाना चाहिए. शाह ने गुवाहाटी में उत्तर पूर्वी परिषद एनईसी की 70वीं पूर्ण बैठक में ये बात कही जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों के सीएम और राज्यपालों ने हिस्सा लिया.अमित शाह ने पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों से बाढ़ नियंत्रण सिंचाई पर्यटन वनीकरण और कृषि के लिए पूर्वोत्तर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र एनईएसएसी का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया. पूर्वोत्तर परिषद एनईसी के 70वें पूर्ण सत्र में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत एनईसी पूर्वोत्तर राज्यों में विकास योजनाओं को बनाने और लागू करने का केंद्र बन गया है. शाह ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार में शांति संपर्क और विकास पूर्वोत्तर की पहचान बन गया है. उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद असम पुलिस ने उग्रवाद से लड़ने में उल्लेखनीय वीरता दिखाई है. दरगांव में तीसरे एसपी सम्मेलन में शाह ने ये भी कहा कि असम पुलिस ने न केवल असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.