नई दिल्ली, राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA और प्रवर्तन निदेशालय ED को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के कई ठिकानों पर छापेमारी के दौरान टेरर फंडिंग के खिलाफ मिले पुख्ता सबूतों और संलिप्ता के बाद गृह मंत्रालय Home Ministry ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंध में यूएपीए की धाराओं को भी शामिल किया गया था. अब इन धाराओं में मामले भी दर्ज होने शुरू हो गए हैं. दिल्ली पुलिस के शाहीन बाग Shaheen Bagh Police Station थाने में यूएपीए की धाराओं में पीएफआई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.इस बीच देखा जाए तो देश के 8 राज्यों से 172 PFI कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया जा चुका है. दिल्ली के शाहीन बाग में भी NIA ने गत दिनों रेड की थी. पीएफआई PFI से जुड़े 30 लोगों को हिरासत में लिया था. शाहीन बाग में इस एक्शन के बाद केंद्रीय पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था.हालात खराब नहीं हों, इसको लेकर खुफिया एजेंसी भी पूरी तरह से हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. बताया जाता है कि शाहीन बाग में जांच एजेंसियों ने मोबाइल फोन और अन्य डिवाइस समेत कई दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए थे.
इसके बाद हालातों को देखते हुए जामिया नगर इलाके में धारा 144 भी लागू कर दी गई थी. इसके बाद अब दो माह तक 4 या उससे ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है. जामिया यूनिवर्सिटी की ओर से भी एक सर्कुलर जारी किया जा चुका है. इसमें छात्रों को एकत्र नहीं होने के सख्त निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं.बता दें कि केंद्र सरकार ने बुधवार को इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों से संबंध रखने और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया. राजपत्रित अधिसूचना के अनुसार पीएफआई के आठ सहयोगी संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल के नाम भी यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किए गए संगठनों की सूची में शामिल हैं.